गुरू पूर्णिमा उत्सव: विद्यालय में विशेष कार्यक्रम और गतिविधियाँ


 गुरू पूर्णिमा उत्सव: विद्यालय में विशेष कार्यक्रम और गतिविधियाँ

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को संबोधन  शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चांदामेटा विकासखंड परासिया

गुरू पूर्णिमा भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख पर्व है, जिसे गुरुओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। विद्यालयों में यह उत्सव विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह शिक्षा और मार्गदर्शन के महत्व को रेखांकित करता है। इस लेख में हम विद्यालयों में गुरू पूर्णिमा उत्सव के विभिन्न पहलुओं और गतिविधियों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

गुरू पूर्णिमा का महत्व

गुरू पूर्णिमा का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत गहरा है। यह पर्व महर्षि वेद व्यास के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने वेदों का संकलन किया था। भारतीय शिक्षा प्रणाली में गुरुओं का विशेष स्थान है और इस दिन गुरुओं के प्रति कृतज्ञता प्रकट की जाती है।

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विद्यालय में गुरू पूर्णिमा उत्सव की तैयारी

विद्यालयों में गुरू पूर्णिमा उत्सव की तैयारी बड़े धूमधाम से की जाती है। विद्यार्थी और शिक्षक मिलकर विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों की योजना बनाते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख तैयारियों का वर्णन किया गया है:

1. विद्यालय की सजावट

विद्यालय को विशेष रूप से सजाया जाता है। रंग-बिरंगे फूलों, बंदनवार और रांगोली से विद्यालय की शोभा बढ़ाई जाती है। बच्चों और शिक्षकों द्वारा मिलकर सजावट का काम किया जाता है, जो उत्सव के माहौल को और भी खुशनुमा बना देता है।

2. विशेष प्रार्थना सभा

उत्सव की शुरुआत विशेष प्रार्थना सभा से होती है। इस सभा में सभी विद्यार्थी और शिक्षक एकत्र होते हैं और गुरुओं के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करते हैं। विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है और गुरुओं की महिमा का बखान किया जाता है।

शासकीय हाई स्कूल खंडा सिवनी में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु शिष्य के महत्वपूर्ण संबंध पर चर्चा की गई और छात्रों को गुरु शिष्य परंपरा में मानवीय मूल्यों को समझने का प्रयास किया गया है इस प्रकार गुरु पूर्णिमा का कार्यक्रम प्रार्थना सभा में आयोजित किया गया


3. सांस्कृतिक कार्यक्रम

सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यालय के गुरू पूर्णिमा उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। विद्यार्थी विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से गुरुओं के प्रति अपनी भावना व्यक्त करते हैं। इनमें नृत्य, नाटक, कविता पाठ और गीत प्रमुख होते हैं।

गुरु पूर्णिमा पर्व पर प्रथम दिवस आयोजन कार्यक्रम पर प्राचार्य द्वारा शिक्षक द्वारा  गुरु पूर्णिमा महत्व पर गुरु शिष्य परंपरा पर संक्षिप्त कहानी सुनाई गई GHSSJAM


4. गुरु वंदना और सम्मान समारोह

गुरू पूर्णिमा के दिन विद्यालय में गुरु वंदना और सम्मान समारोह आयोजित किया जाता है। विद्यार्थी अपने गुरुओं के चरणों में पुष्प अर्पित करते हैं और उन्हें सम्मानित करते हैं। इस अवसर पर विशेष पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र भी वितरित किए जाते हैं।

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5. व्याख्यान और कार्यशालाएँ

गुरू पूर्णिमा के अवसर पर विशेष व्याख्यान और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। इनमें विद्यार्थी और शिक्षक मिलकर शिक्षा और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हैं। इन सत्रों में महान गुरुओं की जीवनियाँ और उनके उपदेशों पर भी चर्चा की जाती है।

6. सामूहिक भोज और प्रसाद वितरण

गुरू पूर्णिमा उत्सव के समापन पर सामूहिक भोज और प्रसाद वितरण का आयोजन किया जाता है। सभी विद्यार्थी और शिक्षक मिलकर भोजन करते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं। यह कार्यक्रम समर्पण और सामूहिकता की भावना को प्रकट करता है।

7. पुस्तकों और शिक्षण सामग्री का वितरण

कुछ विद्यालयों में गुरू पूर्णिमा के अवसर पर विद्यार्थियों को पुस्तकों और अन्य शिक्षण सामग्री का वितरण किया जाता है। यह गतिविधि विद्यार्थियों के ज्ञानवर्धन में सहायक होती है और शिक्षा के महत्व को रेखांकित करती है।

8. प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता

विद्यार्थियों के बीच ज्ञान और शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इस प्रतियोगिता में शिक्षा और गुरुओं से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं और विजेताओं को पुरस्कार दिए जाते हैं।

9. सामुदायिक सेवा

गुरू पूर्णिमा के अवसर पर सामुदायिक सेवा के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। विद्यार्थी और शिक्षक मिलकर समाज सेवा के कार्यों में भाग लेते हैं, जैसे कि स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण और गरीबों की सहायता। यह गतिविधियाँ विद्यार्थियों में सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना विकसित करती हैं।

10. विशेष कक्षाएँ और चर्चाएँ

इस अवसर पर विशेष कक्षाओं और चर्चाओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें शिक्षा, नैतिकता और जीवन मूल्यों पर चर्चा की जाती है। गुरुओं के मार्गदर्शन में विद्यार्थी इन सत्रों में भाग लेते हैं और महत्वपूर्ण जीवनोपयोगी बातें सीखते हैं।

निष्कर्ष

गुरू पूर्णिमा उत्सव विद्यालयों में एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक अवसर होता है। इस दिन विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों के माध्यम से गुरुओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट की जाती है। यह उत्सव विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति समर्पण, नैतिकता और सामूहिकता की भावना को विकसित करता है। विद्यालयों में गुरू पूर्णिमा उत्सव का आयोजन शिक्षा और संस्कारों के महत्व को रेखांकित करता है और विद्यार्थियों को जीवन में सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

गुरू पूर्णिमा उत्सव का हर एक पहलू विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक होता है और यह दिन विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है।

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